राजधानी एक्सप्रेस के AC-2 डिब्बे में सामने की सीट पर एक युगल अपने
05-06 साल के पुत्र के साथ बैठा है। बातचीत, पोशाक और खाद्यान्न आदतों से
किसी मल्टीनेशनल में कार्यरत युगल लगता है। राजधानी एक्सप्रेस में सफ़र करने
के बावजूद "मैक डी" से बर्गर वगैरह पैक करा के चले हैं।
उनकी बातचीत से समझ आ रहा है कि वे बच्चे की "नानी के हाउस" जा रहे हैं। बच्चा भयानक हाइपर है। इतना हाइपर कि आधा कम्पार्टमेंट सिर पर उठाये हुए है। बात-बात में लोट जाता है और ओह माय गॉड करते हुए जोर-जोर से चीखने लगता है।
उनकी बातचीत से समझ आ रहा है कि वे बच्चे की "नानी के हाउस" जा रहे हैं। बच्चा भयानक हाइपर है। इतना हाइपर कि आधा कम्पार्टमेंट सिर पर उठाये हुए है। बात-बात में लोट जाता है और ओह माय गॉड करते हुए जोर-जोर से चीखने लगता है।
सुशिक्षित माता-पिता शिष्टाचारवश शरमाये जा रहे हैं।
01 घंटे तक उस बच्चे ने अपने पर्सनल टैब पर तरह - तरह के वीडियो देखे हैं। बताने की जरूरत नहीं कि वीडियो के गीत का आनंद हम सहयात्रियों को भी मिला है।
फ़िलहाल वह ज़मीन पर लोट गया है और टमाटो सूप टीशर्ट पर मल लिया है। कह रहा है कि ट्रेन खड़ी क्यों हो गयी है।
अरे भाई कोई जल्दी से सिग्नल हरा करवाओ। उसके माता-पिता के साथ आधे डिब्बे के यात्रियों की यही मांग है।
बाकी आधा डिब्बा फ्लेक्सी फेयर के कारण खाली है।
August 2017
01 घंटे तक उस बच्चे ने अपने पर्सनल टैब पर तरह - तरह के वीडियो देखे हैं। बताने की जरूरत नहीं कि वीडियो के गीत का आनंद हम सहयात्रियों को भी मिला है।
फ़िलहाल वह ज़मीन पर लोट गया है और टमाटो सूप टीशर्ट पर मल लिया है। कह रहा है कि ट्रेन खड़ी क्यों हो गयी है।
अरे भाई कोई जल्दी से सिग्नल हरा करवाओ। उसके माता-पिता के साथ आधे डिब्बे के यात्रियों की यही मांग है।
बाकी आधा डिब्बा फ्लेक्सी फेयर के कारण खाली है।
August 2017
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