Sunday, 6 July 2014

लाल रंग का शरबत

ग्‍वालि‍यर में भी फूलबाग पर पंडाल लगाकर बुद्ध जयंती के अवसर पर हनुमान जयंती की ही तर्ज पर चटख लाल रंग का शरबत पि‍लाया जा रहा है तथा माइक में 'बुद्धम शरणम गच्‍छामि‍' जैसा कुछ बज रहा है। कोई दलि‍त-पि‍छड़ा संघ ये काम कर रहा है। यानि‍ महात्‍मा बुद्ध दलि‍त हो गए। आगे बढ़ा तो पुराने हाइकोर्ट के पास परशुराम जयंती के अवसर का बड़ा सा पोस्‍टर भी ब्राहाण बंधुओं को शुभकामनायें दे रहा है। कहीं ये भी पढ़ने में आया था कि‍ महावीर और गौतम बुद्ध पर क्षत्रि‍य समाज ने अपना होने का दावा ठोक दि‍या था। कृष्‍ण तो हैं ही यादव और चि‍त्रगुप्‍त कायस्‍थ................ ईश्‍वर को तो हमने नि‍पटा दि‍या, अब गाय, बैल, शेर, चूहा की बारी है

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