मेरे
घर के पास ऐसे दो मंदिर हैं जिनका नाम मंशापूर्ण है - मंशापूर्ण माता
मंदिर और मंशापूर्ण हनुमान मंदिर। यानि शब्द के अनुसार देखें ताे ये
ऐसे मंदिर हैं जहां आने पर भक्तों की मंशापूर्ण होती है। इन नामों पर
विचार करते - करते दो प्रश्नों का उत्तर भी खोज रहा हूं -
1. क्या यह मंदिर सभी तरह के लोगों की सभी तरह की अभिलाषायें पूर्ण करता है? यदि ऐसा है तो बहुत ही खतरनाक बात है। हाफिज सईद या अन्य आतंकवादियों की अभिलाषा तो दूर की बात है, किसी जेबकतरे या शराबी की अभिलाषा भी समाज के लिए बहुत घातक है।
2. क्या अन्य मंदिर जिनके नाम मंशापूर्ण नहीं हैं, वे भक्तों की मंशापूर्ण नहीं करते ?
आस्तिक भक्त इन प्रश्नों से चिढें नहीं, बल्कि ये उत्तर तलाशें कि कहीं ऐसा हमारे लालच के दोहन के लिए तो नहीं है। .....................
आज ही ग्वालियर के एक डाॅक्टर साहब बता रहे थे कि उनकी क्लीनिक की सफलता का सारा श्रेय सांई बाबा को जाता है। जबसे वे उनके भक्त बने हैं, उनके क्लीनिक में दिन-दूनी रात चौगुनी वृद्धि हुई है। ................. उनकी बात सुनकर मुझ जैसे पापात्मा के मन में सबसे पहले यही प्रश्न कौधा कि क्या सांई बाबा अपने भक्त के क्लीनिक को दिन दूना रात चौगुना बढ़ाने के लिए पूरे मुहल्ले को बीमार करने पर आमादा हैं?
1. क्या यह मंदिर सभी तरह के लोगों की सभी तरह की अभिलाषायें पूर्ण करता है? यदि ऐसा है तो बहुत ही खतरनाक बात है। हाफिज सईद या अन्य आतंकवादियों की अभिलाषा तो दूर की बात है, किसी जेबकतरे या शराबी की अभिलाषा भी समाज के लिए बहुत घातक है।
2. क्या अन्य मंदिर जिनके नाम मंशापूर्ण नहीं हैं, वे भक्तों की मंशापूर्ण नहीं करते ?
आस्तिक भक्त इन प्रश्नों से चिढें नहीं, बल्कि ये उत्तर तलाशें कि कहीं ऐसा हमारे लालच के दोहन के लिए तो नहीं है। .....................
आज ही ग्वालियर के एक डाॅक्टर साहब बता रहे थे कि उनकी क्लीनिक की सफलता का सारा श्रेय सांई बाबा को जाता है। जबसे वे उनके भक्त बने हैं, उनके क्लीनिक में दिन-दूनी रात चौगुनी वृद्धि हुई है। ................. उनकी बात सुनकर मुझ जैसे पापात्मा के मन में सबसे पहले यही प्रश्न कौधा कि क्या सांई बाबा अपने भक्त के क्लीनिक को दिन दूना रात चौगुना बढ़ाने के लिए पूरे मुहल्ले को बीमार करने पर आमादा हैं?
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