यदि विज्ञान की नई खोजों से कुछ ऐसे तथ्य सामने आते हैं जो पुराने
धर्मलेखों के विपरीत हैं तो हमें उन तथ्यों के लिए रास्ता बनाना होगा।’ -
दलाईलामा
परिणामस्वरूप दलाई लामा ने बौद्धधर्म को न केवल विज्ञान के समक्ष खोला बल्कि् वे बौद्धमत में वैज्ञानिक रवैया पैदा करना चाहते हैं। सोगयाल रिनपोछे की रिपोर्ट के अनुसार, यह पता लगने पर कि किसी बच्चे को अपने पूर्वजन्म के बारे में याद है, दलाईलामा ने इस मामले की पड़ताल के लिए एक टीम को भेजा। दलाईलामा ने बौद्ध मठों में पठन-पाठन के लिए विज्ञान को एक विषय के रूप में शामिल कराया। एक अन्य दिन मैंने उनके डॉक्टर से सुना कि उन्होंने एक महान भिक्षु के निधन के बाद वैज्ञानिकों और चिकित्सकों की टीम को उन भिक्षु के मृत शरीर का बारीकी से परीक्षण करने को कहा जिनका शरीर मृत्यु के 13 दिन गुजर जाने एवं गर्मी व नमी के मौसम के बावजूद भी यथावत बना रहा था तथा वे स्वयं भी वहां 13 दिनों तक उपस्थित रहे।
परिणामस्वरूप दलाई लामा ने बौद्धधर्म को न केवल विज्ञान के समक्ष खोला बल्कि् वे बौद्धमत में वैज्ञानिक रवैया पैदा करना चाहते हैं। सोगयाल रिनपोछे की रिपोर्ट के अनुसार, यह पता लगने पर कि किसी बच्चे को अपने पूर्वजन्म के बारे में याद है, दलाईलामा ने इस मामले की पड़ताल के लिए एक टीम को भेजा। दलाईलामा ने बौद्ध मठों में पठन-पाठन के लिए विज्ञान को एक विषय के रूप में शामिल कराया। एक अन्य दिन मैंने उनके डॉक्टर से सुना कि उन्होंने एक महान भिक्षु के निधन के बाद वैज्ञानिकों और चिकित्सकों की टीम को उन भिक्षु के मृत शरीर का बारीकी से परीक्षण करने को कहा जिनका शरीर मृत्यु के 13 दिन गुजर जाने एवं गर्मी व नमी के मौसम के बावजूद भी यथावत बना रहा था तथा वे स्वयं भी वहां 13 दिनों तक उपस्थित रहे।
काश कि दलाई लामा जैसी वैज्ञानिक चेतना सभी धर्मगुरुओं में आ पाती ............;;;
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